it is not just a plant but blessings from the lotus feet of lord sri Hari for a meaningful life.
श्री श्री हरी विष्णु प्रिये तुलसी नमो नमः
Hare Krishna Hare KrishnaKrishna Krishna Hare HareHare Rama Hare RamaRama Rama Hare Hare
संतो की महिमा अपार है पर तुलसी की महिमा अनंत है
पारस कायाकल्प करता है संत मोक्ष मार्ग प्रशस्त करता है और तुलसी जीव को सहज भाव से संत बनादेती है
घर के आगन में तुलसी वास कर घर को मंदिर बना देती है
सत्य के बोध हेतु तुलसी परम सूत्र है
घर के आगन में नित्य प्रदोष काल में तुलसी पूजन ब्रह्मयज्ञ तुल्य है
जिस स्थान में भक्ति भाव से तुलसी विवाह संपन्न होता है वह स्थान दिव्य लोक सम प्रकाशित हो जाता है
offering food to the body brings repose to the mind-offering service to sri tulsi ji brings truth to the soul
the entire universe is enlighten by the grace of god-god is giver of unadulterated happiness-true happiness flows from the true knowledge-true knowledge is knowledge unto self and the nature with respect to God that cause bliss and celestial joy-serving nature is true spirit helps on the subject-holy basil is a live celestial mode to help life attain its sole motto
तुलसी तरुवर विविद सुहाए -कहु कहु सिय कहु लखन लगाये
श्री कृष्ण प्रिये तुलसी नमो नमः
without blessings of lord no can can ever release from the bondage of illusion-Holy Basil is blessing of lord in the form of an auspicious plant; one need to care it with love and faith
Bhakti is intense bliss that run through varying virtues practices that counts on the cord of self imposed discipline which leads one to the state of joy eternally after attaining that worldly pleasure appear as thresh and dust of road-all cravings fall off as dry leafs from tree on attainng that state of Bhakti and sri sri Tulsi giver of that state in Bhakti
चेतना का परम स्त्रोत है श्री तुलसी
serving holy basil earn blessings from the lotus feet of lord Krishna and Lord Rama
तुलसी सेवा दोनों लोको में सहायक होती है -यहाँ मंगल कारिणी व् वहा मोक्ष दायिनी
तुलसी का वास अतार्थ सत्य दया धर्मं दान का वास
सुंदर तुलसी वन दर्शन से श्री हनुमान जी परम हर्ष को प्राप्त होते है जहा सुंदर तुलसी वन हो वहा श्री हनुमान जी स्वत ही प्रगट होते है
तुलसीयुक्त चरनामृत दुःख शोक हरणं-सर्व व्याधि विनाशनम
तुलसी युक्त प्रसाद सेवन से अंतर मन प्रकाशित हो जाता है
परम पावन -तुलसी गंगा जल की तरह ही सभी को पवित्र कर देती है यह सब जगह सहज रूप में प्रगट हो कर जीव का कल्याण करती है
lighting lamp especially in the evening at sri tulsi ji and Arti with truth of self throughout kartik month enlighten the pace of life for ultimate glory of being human
Dedicated service to the lotus feet of sri sri Tulsi ji earn reward and appreciation for both worlds
तुलसी सदा ही भक्ति प्रद है-वह भक्ति जो स्वयं को नियम अनुरूप कर यम से सदा सर्वदा के लिए मुक्त कर लेती है
When god created universe & soul entered the human body-embodied soul needs divine guidance to lead a true life-god is supreme preceptor and nature is his allies and in nature holy basil has its own place well respected all the way and true to itself
only rare fortunate ones with the grace of lord Krishna make it to reach at sri vrindavan for tulsi pujan and archan in scared month of Kartik
गंडक नदी श्री श्री तुलसी जी का ही रूप है और यह भगवान् शिव का आशीर्वाद है-श्री हरी गंडक नदी के तट पर साले ग्राम के रूप में विराजमान रहते है-गंडक नदी के साले ग्राम का विशेष महत्त्व है
Devi Tulsi bless devotees for the blessings of Lord Radhey Krishna
Devi Tulsi bless devotees for good health and wealth
Devi Tulsi bless devotees for the pilgrimage of Holy land Sri Vrindavan
Devi Tulsi bless devotees for Brij Bhumi Sobhagya
Devi tulsi bless devotees for eternal journey that leads to final beatitude
तुलसी माला धारण करने से मन निर्मल हो जाता है स्वत ही जीव श्री कृष्ण कृपा का पात्र हो जाता है
शंखचुड की कथा प्रसिद्द है देवी तुलसी जी के महातम में
जालंधर की कथा प्रसिद्द है श्री श्री वृंदा जी की गाथा में
known as bestow an amazing number of health benefits_
stress relieving- energizing-anti aging-promote healthy metabolism-bolster immunity-enhance stamina-natural immuno modulator -rich of anti oxidants-prevent cellular damage
in winter it really support the life in infinite manner
श्री हरी विष्णु प्रिये तुलसी नमो नमः
But Tulsi has its own merits above all.
श्री हरी विष्णु प्रिये तुलसी नमो नमः
om shri tulasyai namah
om nandinyai namah
om devyai namah
om shikhinyai namah
om dharinyai namah
om dhatryai namah
om savitryai namah
om satyasandhayai namah
om kalaharinyai namah
om gauryai namah
om devagitayai namah
om draviyasyai namah
om padminyai namah
om sitayai namah
om rukminyai namah
om priyabhuushanayai namah
om shreyasyai namah
om shrimatyai namah
om manyayai namah
om gauryai namah
om gautamarchitayai namah
om tretayai namah
om tripathagayai namah
om tripadayai namah
om traimuurtyai namah
om jagatrayayai namah
om trasinyai namah
om gatrayai namah
om gatriyayai namah
om garbhavarinyai namah
यानि कानी च पापानि जन्मातर कृतानि च तानी सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्ष्ने पदे पदे
देवी तुलसी जी को भगवान् शिव का परम आशीर्वाद प्राप्त है जन जन के कल्याण हेतु
तुलसी वन की महक भितिरी ब्रह्माण्ड को पावन कर देती हैradha-krsna-seva pabo ei abilasi_
namo namah tulasi krsna-preyasi namo namah
यानि कानी च पापानि जन्मातर कृतानि च तानी सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्ष्ने पदे पदे
देवी तुलसी जी को भगवान् शिव का परम आशीर्वाद प्राप्त है जन जन के कल्याण हेतु
तुलसी वन की महक भितिरी ब्रह्माण्ड को पावन कर देती हैradha-krsna-seva pabo ei abilasi_
namo namah tulasi krsna-preyasi namo namah
यानि कानी च पापानि जन्मातर कृतानि च तानी सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्ष्ने पदे पदे
देवी तुलसी जी को भगवान् शिव का परम आशीर्वाद प्राप्त है जन जन के कल्याण हेतु
तुलसी वन की महक भितिरी ब्रह्माण्ड को पावन कर देती हैradha-krsna-seva pabo ei abilasi_
namo namah tulasi krsna-preyasi namo namah
घर के आंगन में तुलसी का पौधा सुख, संपत्ति, ज्ञान, विवेक स्वास्थ्य व् शांति का परम स्त्रोत्र माना जाताहै। कहते हैं जिस घर के आंगन में तुलसी निवास करती है, वहां सुख और स्वास्थ्य स्वत: ही चले आते हैं, वहा आनंद व् मंगल सदेव वास करते है व्यावसायिक और वैवाहिक जीवन की सफलता हेतु भी आंगन में तुलसी सेवा का अपना महत्व है
Hare Krishna Hare KrishnaKrishna Krishna Hare HareHare Rama Hare RamaRama Rama Hare Hare------------------------------------हरे कृष्णा हरे कृष्णाकृष्णा कृष्णा हरे हरेहरे रामा हरे रामारामा रामा हरे हरे-----------------------------------हरे कृष्णा हरे कृष्णाकृष्णा कृष्णा हरे हरेहरे रामा हरे रामारामा रामा हरे हरे---------------------------Jai Devi Tulsiश्री कृष्ण प्रिये तुलसी नमो नमःHare Krishna---------------------------श्री हरी विष्णु प्रिये तुलसी नमो नमःश्री हरी विष्णु प्रिये तुलसी नमो नमःश्री हरी विष्णु प्रिये तुलसी नमो नमः
Holy basil Unites devotees with Lord Sri Hari vishnu
Bagpipe is played within body and worship of Tulsi ji turn it into celestial tune that invites Lord Sri hari vishnu
Visnu-Priya Tulsi ji is comprehensive divine chapter to cross over the Ocean of mundane existence
the pursuits of desire makes one take abode in the body and it runs endless chain of karma's that throws one into cycle of birth and rebirth but serving holy basil makes one liberate from the bondage of illusion.
aim of spirituality is to attain unison that where by individual consciousness merge with universal consciousness and serving of holy basil helps on the subject.
भक्ति में साधन से अधिक भाव का मोल है-साधनों की अपनी सीमा है पर भाव अनंत गति को प्राप्त होता है तुलसी सदेव भक्ति भाव प्रद है
just as this is the body of self-tulsi is a body of manifested celestial mode on the planet
मानव को निज सुख की सन्देश वाहिनी है तुलसी -निज सुख बिन मन धरही न धीरा
as life dwells in the veins-light in sun-coldness in moon-so does vertues in divine basil
with full of divine love and eternal affection serve sri Tulsi ji, if one wish to experience the truth of self in divine way
merciful tulsi is manifest on the planet to bless the life for ultimate best-one needs to realize it and submit for the cause to make it once for all
let many moons arise-let innumerable sun shine forth yet if light of truth is not in heart-no light is there and divine basil enlighten the chamber of heart for ultimate unison
आत्मिक बल प्राप्त होता है
आत्मिक शांति प्राप्त होती है
आत्मिक सत्य का बोध होता है
In worship of divine mother Sri Sri Tulsi Ji, simplicity is the core essence of worship with truth of Heart